विश्व
पर्यावरण दिवस
प्रकृति से अनावश्यक छेड़छाड़ और प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग हिंसा है I हिंसा का परिणाम विनाश है I प्राकृतिक
संसाधनों का जिस प्रकार अनावश्यक दोहन किया जा रहा है, प्रकृति से निरन्तर छेड़छाड़ की
जा रही है, उसका परिणाम सामने है –प्राकृतिक संसाधनों की पहुँच से हम दृश्य-अदृश्य
दूर होते जा रहे हैं; वैश्विक तापन पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगा
रहा है I इस स्थिति में हमारे सामने व्यक्तिगत और सामूहिक, दोनों रूपों में, गंभीरतापूर्वक
सोचने और प्रकृति व प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु अविलम्ब प्रतिबद्ध होने के
अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है I
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