Monday, February 22, 2016

राष्ट्रीय एकता और अखण्डता –रवीन्द्र कुमार




भारत को अपने इतिहास के पृष्ठों से सीखने और समझने की नितान्त अवश्यकता है I अपनी राष्ट्रीय एकता को प्रत्येक स्थिति में बनाए रखना है I राष्ट्रीय हितों से छोटासा समझौता भी हमारी एकता और अखण्डता पर बहुत भारी पड़ेगा I विशुद्ध राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किसी राष्ट्रविरोधी तत्व को छोटी सी ढील भी बहुत घातक सिद्ध होगी I 

अखण्ड, एकताबद्ध, सम्पन्न और सुदृढ़ हिन्दुस्तान ही हर प्रकार से, एवं भली-भाँति अपनी स्वयं की रक्षा कर सकता है I अपने राष्ट्रवाद की सच्ची मूलभावना –‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ तथा ‘जीयो और जीने दो’ के अनुरूप संसारभर की सुरक्षा, सम्पन्नता और सुदृढता के लिए भी, उत्तरदायित्व के साथ, महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकता है I भारतीय राष्ट्रवाद, वास्तव में, अंतर्राष्ट्रीयतावाद को ही समर्पित है I
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